To enjoy life while fulfilling responsibilities in old age
0swasthjiwanमार्च 12, 2024
ओल्ड ऐज मे ही जीवन का असली मज़ा है जिम्मेदारिया ओवर मौज मे रहे बेफिर्क मस्ट और स्वस्थ
न जवानी का संघर्ष न 40 की प्रसानिया बेफ्रीक और सुहानी राते ना बचपन का होमवर्क ।
जीने की असली उम्र तो साठ है बभूरापे मे ही असली ठाठ है।ना स्कूल की जल्दी ना ऑफिस की किट किट ना बॉस की स्कोल्ड ना ट्राफिक का घमेला सुबह सुबह रामदेव का योगः दिनभर खी ली खीली धूप दोस्तों यारों का साथ राजनीत पर चर्च आम है।
ना माता पिता की डाट पोते पोतियों के खेल । बहु बेटे का प्यार ,इज्जत से झुकते सके सर ,सबके लिए असीर बाद और दुवाओ की भरमार ।
ना स्कूल का discipline ना समाल कर बोलने की पाबंदी ना बढ़े जनों की रोक टोंक । खुली हवा के टहके बेफपर्क बाते कि सी को भी खुस भी कहने की आजादी .